लेखनी प्रतियोगिता -29-Jan-2022 बीज
बीज से बनता पौधा ,
पौधे से चलता जीवन |
अच्छी बीज बोयेगा बंदे ,
तो सुखी रहेगा आजीवन |
विश्वास का बीज मन में रखना,
कर्म पथ पर सदा चलना |
बीज प्रेम का बो लेना,
नेक राह को चुन लेना |
बच्चा होता कोमल माटी का,
भेद न जाने जंगल व घाटी का |
संस्कारों में उसके भर दो भाव,
जीवन न लगेगा किसी दाव |
दान, धर्म जो करोगे जग में ,
छांव मिलती जाएगी पग में |
बीज से तुम वृक्षारोपण कर दो,
ठंडी छांव के लिए समर्पण कर दो |
फल मीठा तो होगा तभी ,
धेर्य तुम रख लो सभी |
समय लगता पौधे को पेड़ बनने में ,
मुश्किल आती रहा के कांटे चुनने में |
जिस बीज से पेड़ पौधे बने ,
बीज वही फलदायी होता |
जिस बीज से फूटे ना अंकुर,
वह किसी लायक ना होता |
छोटा सा होता बीज दिखने में ,
पेड़ बड़े-बड़े लगाता हैं |
जैसे इंसान एक छोटा सा ,
नए आयाम बनाता हैं |
खाद , पानी के साथ उपजता,
अंकुर फूटे तो जाए पनपता |
बंदे बीज प्रेम के तुम बो लेना,
फिर छांव में उनकी सो लेना ||
प्रतियोगिता हेतु
शिखा अरोरा (दिल्ली)
Sudhanshu pabdey
30-Jan-2022 10:39 AM
Very nice 👌
Reply
Dr. SAGHEER AHMAD SIDDIQUI
30-Jan-2022 09:48 AM
Wah
Reply
Abhinav ji
29-Jan-2022 10:25 PM
Nice
Reply
Shikha Arora
30-Jan-2022 12:59 AM
Thank u ji 🙏
Reply